पिछले साल कोविड की पहली लहर के दौरान इस बीमारी से अछूते रहे विशेष रूप से कमज़ोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी) डोंगरिया कोंध के चार लोग गुरुवार को पॉज़िटिव पाए गए. यह चारों आदिवासी रायगड़ा ज़िले के नियमगिरी पहाड़ियों के रहने वाले हैं.
यह समुदाय बड़े पैमाने पर कल्याणसिंहपुर ब्लॉक में परसाली पंचायत के तहत अपने गांव तक ही सीमित रहते हैं, और बाहर नहीं जाते हैं.
आशंका यह है कि कभी शहरी इलाक़ों के बाज़ारों का दौरा करते वक़्त उन्हें यह संक्रमण हुआ होगा. अब यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं कि यह बीमारी उन गांवों में न फैले, जहां इस समुदाय के लोग रहते हैं.
रायगड़ा के कलेक्टर सरोज कुमार मिश्रा का कहना है कि फ़ील्ड स्टाफ़ द्वारा इन गांवों में साप्ताहिक डोर-टू-डोर स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जा रहा है, और जहां ज़रूरत है वहां इलाज भी किया जा रहा है.
ज़िला कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन का ज़ोर ट्रेसिंग, परीक्षण और प्रारंभिक उपचार पर है. उन्हें उम्मीद है कि यह बीमारी नियमगिरि पहाड़ी इलाक़े तक ही सीमित रहेगी.
डोंगरिया कोंध विकास एजेंसी (DKDA) के परियोजना प्रबंधक सुदर्शन पाधी ने एक अखबार को बताया कि एजेंसी के लोग गांव की बैठकों के माध्यम से शारीरिक दूरी, मास्क पहनने और बार-बार हाथ धोने के महत्व की बात आदिवासियों से करते हैं.
यह जानकारी इन आदिवासियों को उनकी ही कुवी भाषा में दी जाती है. इससे आदिवासियों को यह हिदायतें समझने और उनका पालन करने, और आगे लोगों को बताने में आसानी होती है. कुवी भाषा की कोई लिपी नहीं है, इसलिए यह लिखी नहीं जाती है.
ओडिशा के रायगड़ा ज़िले के बिसमकटक, कल्याणसिंहपुर और मुनिगुड़ा ब्लॉक में फैली नियमगिरी पहाड़ियों में स्थित 102 गांवों में 2,461 डोंगरिया कोंध परिवार रहते हैं. इनकी कुल आबादी 9,597 है.
(इस लेख में इस्तेमाल की गई तस्वीर डोंगरिया कोंध आदिवासियों की प्रतीकात्मक तस्वीर है.)