गुजरात के दाहोद जिले के देवगढ़ बरिया तालुका के अमलीपनिचोत्रा गांव की एक 42 वर्षीय आदिवासी महिला की शुक्रवार को जंगल के जैव विविधता क्षेत्र के सागतला रेंज में भालू के हमले में मौत हो गई.
वन अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित सांजली मशरू राठवा मवेशी चरा रही थीं, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया. वन विभाग ने शुक्रवार देर रात राठवा का शव बरामद कर उनके परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
देवगढ़ बरिया के उप वन संरक्षक, आरएम परमार के मुताबिक यह इस साल की पहली घटना है जिसमें भालू ने महिला पर हमला किया है.
परमार ने द संडे एक्सप्रेस को बताया, “हमें शुक्रवार शाम को फोन आया कि पास के गांव की एक महिला जंगल में गई है और एक भालू ने उस पर हमला कर दिया है. हमारी टीम पीड़िता की तलाश में गई और शुक्रवार की देर शाम को उसका शव वन क्षेत्र के एक दूरस्थ स्थान पर मिला. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.”
डीसीएफ ने कहा कि महिला के सिर, चेहरे और गर्दन पर घातक चोटें आईं हैं. जो कि एक भालू द्वारा हमला करने का एक विशिष्ट तरीका है.
परमार ने कहा, “पीड़िता को उसके सिर, चेहरे और गर्दन पर हमला किया गया था, जो बहुत घातक है. हमने पॉलिसी के मुताबिक उसके परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया है.”
आरएम परमार ने कहा कि स्लॉथ भालू – वैज्ञानिक नाम मेलर्सस उर्सिनस – सर्वाहारी हैं और सिर्फ बचाव में या कथित ख़तरे के कारण मनुष्यों पर हमला करते हैं.
परमार ने आगे कहा, “हमारे यहां जो स्लॉथ भालू हैं, वे सर्वाहारी हैं और जंगल के फलों और कीड़ों पर जीवित रहते हैं. वे हिंसक रूप से हमला नहीं करते हैं. लेकिन दिसंबर और जनवरी के महीनों में मादा स्लॉथ भालू आक्रामक हो जाते हैं क्योंकि यह जून में अपने संभोग के मौसम से सात महीने के गर्भ के बाद अपने बच्चे को जन्म देती है. संभावना है कि पीड़िता अनजाने में भालू के शावकों के पास भटक गई, जिससे भालू की मां ने हमला कर दिया.”