झारखंड (Tribes of Jharkhand) में रहने वाले 30 वर्षीय आदिवासी (Police firing on tribal) को पुलिस ने गोली मार दी. मृतक का नाम हरि नारायण पहाड़िया है.
पुलिस ने इस सिलसिले में जो सफ़ाई दी है, मृतक का परिवार उसे झूठ बता रहा है.
यह घटना गोड्डा ज़िले (Godda District) की है. बुधवार की शाम पुलिस अधिकारी ज़िले के बड़ा डंगा पारा में जांच के लिए पहुंचे थे.
16 अप्रैल को सुंदर पहाड़ी पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली की एक शिकायत दर्ज हुई थी. इस शिकायत को लेकर पुलिस जांच के लिए पहुंची थी.
पुलिस अधिकारी जांच के लिए गाँव के एक निवासी बेनाडिक हेम्ब्रम के घर पहुंचे.
पुलिस के मुताबिक जब वे घर में जांच कर रहे थे, तो उन्होंने हरि नारायण को घर से बाहर भागते हुए देखा.
जिसके बाद सब इंस्पेक्टर, राजनाथ यादव सहित अन्य पुलिस अधिकारी, आदिवासी हरि नारायण के पीछे भागे.
पुलिस का कहना है कि जब हरिनारायण नहीं रुका तो पुलिस ने उस पर गोली चला दी. यह गोली सीधा आदिवासी के बांए कंधे पर लगी.
इस घटना के बाद आदिवासी, हरि नारायण को सुंदर पहाड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. लेकिन इलाज़ के दौरान डॉक्टर ने हरि नारायण को मृत घोषित कर दिया.
वहीं हरि नारायण के परिवार वालों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है. हरि नारायण के भाई कामदेव पहाड़िया ने पुलिस के बयान को झूठा कहा है.
उन्होंने बताया उनके भाई नदी किनारे पेशाब करने गए थे. जिस दौरान उनके कंधे पर गोली लगी. लेकिन गोली मारने का कारण कामदेव को अभी तक पता नहीं चला है.
कामदेव पहाड़िया ने कहा कि मैं उन पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करूगां, जिसने मेरे भाई को गोली मारी है.
कामदेव ने कहा, “ मेरा भाई पेशे से किसान है. वे अपने घर में कमाने वाले एक ही सदस्य था. पता नहीं अब उनके तीन बच्चों और पत्नी के देखभाल कौन करेगा?
कामदेव ने उन सभी पुलिस अधिकारी को निष्कासित करने की बात कही है, जो घटना के समय पुलिस के साथ मौजूद थे.
कामदेव ने कहा,“ जिस भी पुलिस अधिकारी ने मेरे भाई पर गोली चलाई है, उसे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.”
पुलिस ने इस घटना की जानकारी अधिकारिक रूप से गुरूवार को दी थी.
गोड़्डा के पुलिस अधीक्षक, नाथू सिंह मीना ने कहा कि घटना की जांच करने के लिए डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के तहत एक विशेष टीम का गठन किया गया है.
इसके अलावा उन्होंने यह आश्वासन दिया कि घटना की आवश्यक कार्रवाई होगी.
इस पूरी घटना में अभी तक पुलिस ने भी यह नहीं कहा है कि हरिनारायण के पास किसी तरह का कोई हथियार मौजूद था.
यह बड़े अचंभे की बात है कि एक शिकायत पर जांच के लिए गई पुलिस टीम ने एक निहत्थे व्यक्ति पर गोली चला दी. जबकि पुलिस टीम पर सामने से कोई फ़ायरिंग या हमला नहीं हुआ है.
इस पूरे मामले में पुलिस टीम की कार्रावाई पूरी तरह से संदिग्ध नज़र आती है.