कर्नाटक के समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग विकास मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने अधिकारियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (दलित, आदिवीसी) के लिए आवंटित धन के इस्तेमाल में किसी भी तरह की चूक के खिलाफ़ चेतावनी दी है.
कलबुर्गी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए चलाए जा रहे सरकारी योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए हुई बैठक में उन्होंने ऐसा कहा. पुजारी ने अधिकारियों को Special Component Plan (SCP) और Tribal Sub Plan (TSP) के तहत आवंटित धन का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने का निर्देश दिया.
ज़िले में दलितों और आदिवासियों की साक्षरता दर एक बड़ी चिंता है. इसके लिए पुजारी ने अधिकारियों ख़ासतौर पर इन समुदायों की महिलाओं की साक्षरता दर में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है. इन समुदायों में पुरुषों की साक्षरता दर 74.38% है, जबकि महिला की साक्षरता दर सिर्फ़ 55.09% है.
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने जानकारी दी कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 116 रेज़िडेंशियल हॉस्टल (लड़कों के लिए 86 और लड़कियों के लिए 23) सैंक्शन किए गए हैं. इनमें से 104 हॉस्टलों की खुद की बिल्डिंग हैं, और 12 किराए की बिल्डिगों में चल रहे हैं.
फ़िलहाल 11 हॉस्टल (आठ पोस्ट मैट्रिक और तीन प्री मैट्रिकुलेशन) का निर्माण चल रहा है. 11 हॉस्टलों में से आठ कलबुर्गी में, दो जेवरगी में और एक चित्तपुर तालुक में है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि नवंबर के अंत तक सभी हॉस्टलों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
अधिकारियों ने साझा किया कि 2019-20 के दौरान अंतर्जातीय विवाह, विधवा पुनर्विवाह और देवदासियों के बच्चों के विवाह सहित कई योजनाओं के लिए 247 लोगों को 5.13 करोड़ रुपये दिए गए थे. वहीं 2020-21 में 344 लोगों को 7.66 करोड़ रुपये दिये गये.
इसके अलावा अलग-अलग विभागों में अनुसूचित जाति ग्रुप बी के दो पद, ग्रुप सी के 67 पद और ग्रुप डी के 389 पद के लिए आरक्षित हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए ग्रुप सी के दो पद और ग्रुप डी के 15 पद अभी भरे जाने हैं.
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज़िले के 515 गांवों में पिछड़ी त जातियों के लिए कब्रगाह नहीं है. आंकड़ों के अनुसार अफजलपुर तालुक (111 गांव), चिंचोली तालुक (107 गांव), जेवरगी तालुक (101 गांव), अलंद तालुक (90 गांव), सेदाम तालुक (47 गांव), कलबुर्गी तालुक (38 गांव) और चित्तपुर तालुक (21 गांवों) में एससी, एसटी वर्गों के लिए कब्रस्तान नहीं हैं.