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स्वायत्त जिला परिषद विधेयक (ADC) के मसले पर फँसी सरकार, कहा प्रक्रिया पर भरोसा रखो

ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक, 2021 को पेश करने में सरकार की “विफलता” के विरोध में पहाड़ी जिलों में रविवार आधी रात से 24 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया था.

मणिपुर के जनजातीय मामलों और हिल्स मंत्री वुंगज़ागिन वाल्टे ने मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्रों) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक, 2021 (Autonomous District Councils Bill, 2021) के विवाद पर बोलते हुए मंगलवार को राज्य के सभी आदिवासी समुदायों से कानून की उचित प्रक्रिया में विश्वास रखने की अपील की है.

 उन्होंने कहा कि “विभाग ने कानून विभाग और महाधिवक्ता के कार्यालय सहित सभी हित धारकों (stake holders) से परामर्श किया है. उनका मत है कि मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक, 2021 को कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार सावधानीपूर्वक जांच की आवश्यकता है. यह किया जा रहा है और इस संबंध में एक समिति का गठन किया गया है.” 

यह बात उन्होंने विधान सभा में इस मसले पर बोलते हुए कही. 

उन्होंने कहा कि मुद्दे जटिल हैं क्योंकि प्रस्तावित मसौदा विधेयक मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद अधिनियम, 1971 को निरस्त करने और बदलने का प्रयास करता है.

वाल्टे ने यह भी कहा कि चूंकि वह खुद एक आदिवासी समुदाय के सदस्य हैं, इसलिए वह उनके अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि पहाड़ियों में विकास हो.

ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक, 2021 को पेश करने में सरकार की “विफलता” के विरोध में पहाड़ी जिलों में रविवार आधी रात से 24 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया था.

राज्य विधान सभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान यह एक अहम मसला बन कर उभरा है. राज्य में कई आदिवासी निकायों ने भी बंद के आह्वान का समर्थन किया था.

एटीएसयूएम (ATSUM) ने कहा था कि विधेयक मणिपुर के पहाड़ी जिलों में समान विकास सुनिश्चित करेगा और समुदायों के बीच एकता को भी बढ़ावा देगा. 

हालांकि, राज्य के घाटी जिलों में स्थित नागरिक निकायों द्वारा विधेयक का कड़ा विरोध किया गया था.  उनका कहना है कि प्रस्तावित कानून विवाद को बढ़ावा देगा और विवादास्पद नागा स्वायत्त क्षेत्रीय परिषद और कुकी स्वायत्त क्षेत्रीय परिषद के उद्देश्यों को बढ़ावा देगा, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 371C मणिपुर में पहाड़ी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए पहाड़ी क्षेत्र समितियों और जिला परिषदों के माध्यम से अलग-अलग योजनाओं का प्रावधान करता है।

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