HomeAdivasi Dailyमणिपुर: मैतेई और कुकी समूहों ने बढ़ती हिंसा के बीच सरकार से...

मणिपुर: मैतेई और कुकी समूहों ने बढ़ती हिंसा के बीच सरकार से हस्तक्षेप की मांग की

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो महत्वपूर्ण समूहों ने राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से कार्रवाई की मांग मजबूत की है.

16 जनवरी के बाद से मणिपुर के तेंगनौपाल, थौबल, बिष्णुपुर और इंफाल पश्चिम जिलों में बढ़ती हिंसा के बीच में दो पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की जान चली गई. जबकि झड़पों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तीन कर्मियों सहित कम से कम एक दर्जन अन्य घायल हो गए.

क्या हैं मांगें?

19 जनवरी कों मैतेई समूहों के गठबंधन, मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मुलाकात की और एक चेतावनी जारी की.  जिसमें सरकार से नागरिक और सुरक्षा बल के हताहतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया गया.

COCOMI समन्वयक जीतेंद्र निंगोम्बा ने बढ़ते हमलों के बारे में चिंता व्यक्त की और स्पष्ट कार्रवाई की मांग की. उन्होंने विशेष रूप से म्यांमार से हथियारों की तस्करी करने वाले कथित चिन-कुकी आतंकवादियों को लक्षित किया.

निंगोम्बा ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में मोरेह और अन्य स्थानों पर हमारे लोगों पर हमले बढ़े हैं. हमने सीएम के साथ इन पर विस्तार से चर्चा की और सरकार की ओर से कुछ स्पष्ट कार्रवाई की मांग की. जैसे कि चिन-कुकी आतंकवादियों को निशाना बनाना जो अवैध रूप से म्यांमार से हथियार ला रहे हैं. ऐसा लगता है कि केंद्र को मणिपुर के हालात की कोई परवाह नहीं है. हमने सीएम से केंद्र सरकार को जमीनी स्थिति समझाने के लिए कहा ताकि वह इस हिंसा को खत्म करने के लिए कदम उठाए। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो हम अपनी आवाज़ उठाने या आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे.”

वहीं दूसरी तरफ एक महत्वपूर्ण कुकी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने राज्य सरकार पर मैतेई का समर्थन करने का आरोप लगाया और चेतावनी जारी की. सुरक्षा बलों पर हमले और पिछले साल एक पुलिस अधिकारी की हत्या से जुड़े दो कुकी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद टेंगनौपाल के मोरेह में हालिया हिंसा बढ़ गई है.

ITLF ने कहा, “सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया. हम कुकी-ज़ो क्षेत्रों में केवल मैतेई का पक्ष लेने वाली एकतरफा सांप्रदायिक सरकार को काम करने की अनुमति नहीं देंगे. इस प्रक्रिया में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी.”

हड़ताल से इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त

वहीं इंफाल घाटी में हाल में 23 वर्षीय ग्रामीण स्वयंसेवक की हत्या के संबंध में गठित एक समिति द्वारा आहूत 48 घंटे की हड़ताल के कारण शनिवार को सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त रहा.

इंफाल घाटी में बाजार और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक परिवहन सेवाएं संचालित नहीं हुईं. कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति भी कथित तौर पर कम रही.

अधिकारियों ने बताया था कि 17 जनवरी को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो संघर्षरत समुदायों के बीच गोलीबारी में गांव के स्वयंसेवक की मौत हो गई थी.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. पहाड़ी जिले इस हड़ताल से प्रभावित नहीं हुए.

नागरिक समाज से जुड़े संगठनों के नेताओं वाली संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने सुबह पांच बजे हड़ताल आहूत की.

जेएसी ने एक बयान में दावा किया, ‘हमने हत्या के संबंध में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा था हालांकि, सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है….’’

समिति ने दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है.

जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि

इंफाल घाटी में मैतेई बहुल और पहाड़ी जिलों में प्रभावशाली कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा मई 2023 से जारी है. संघर्ष में कम से कम 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है और लगभग 50 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.

17 जनवरी की रात और 18 जनवरी की सुबह मणिपुर के कई जिलों में फैली ताजा हिंसा में पांच नागरिक मारे गए और तीन बीएसएफ कर्मी घायल हो गए. यह तेंग्नौपाल में पुलिस कर्मियों पर हमले के बाद हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप दो दिनों में सात लोग मारे गए और नौ घायल हो गए.

राज्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने आश्वासन दिया कि मोरेह में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त अभियान चल रहा है. उन्होंने एक या दो दिन के भीतर स्थिति से निपटने की उम्मीद जताई है.

उन्होंने कहा, “हमने कदम उठाए हैं ताकि सभी बलों को एक साथ रखा जा सके और कार्रवाई की जा सके. संयुक्त अभियानों की पहचान की गई है और वे चल रहे हैं (मोरेह में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए)…हम स्थिति से निपटने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि एक या दो दिन में हम ऐसा करने में सक्षम होंगे.”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments