आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के आदिवासी जल्द ही भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के साथ गठबंधन कर सकते है. ये भी कहा जा रहा है की इस गठबंधन के बाद पार्टी आगामी चुनाव में सभी सात एसटी विधानसभा क्षेत्र और एकमात्र लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने की योजना बना रही है.
BAP का गठन पिछले साल 10 सितंबर को हुआ था. हाल के चुनावों में पार्टी ने राजस्थान में तीन और मध्य प्रदेश में एक विधानसभा सीट जीती है.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक भारत आदिवासी पार्टी के छह नेताओं की एक टीम पिछले साल 30 दिसंबर को जंगारेड्डीगुडेम पहुंची थी, यहां पहुंचते ही इन्होंने स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत की थी.
आंध्र प्रदेश की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के संयोजक रामा राव डोरा ने कहा कि आदिवासियों के मुद्दे और समस्याएं सभी भारतीय राज्यों में आम हैं.
इसलिए बड़े स्तर पर अधिकारों के लिए संयुक्त रूप से लड़ना जरूरी है, जिसके लिए देश के सभी आदिवासियों को एक राजनीतिक दल के तहत आगे आना चाहिए.
रामा राव ने कहा की हमें एक अलग पार्टी बनाने और उनके साथ गठबंधन करने या सीधे पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया है. हम इस बारे में 2 फरवरी को निर्णय लेंगे और पडेरू में एक सार्वजनिक बैठक में इसकी घोषणा करेंगे.
उन्होंने ये भी कहा की आदिवासी जल, जंगल और जमीन के नारे के साथ चुनाव में जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय आदिवासियों ने नेताओं पर भरोसा खो दिया है क्योंकि सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के हाथों की कठपुतली बन गए हैं.
उन्होंने स्थानीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वाईएसआरसी सरकार ने बोया वाल्मिकी समुदाय को एसटी सूची में जोड़ने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया तो स्थानीय नेताओं में आवाज उठाने की हिम्मत तक नहीं थी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्थानीय आदिवासी नेता 1/70 अधिनियम के उल्लंघन, उप-योजना निधि के दुरुपयोग और आदिवासी क्षेत्रों में अवैध खनन पर भी चुपी साधे हुए हैं.