HomeAdivasi Dailyकेरल: आदिवासी इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य परियोजनाएं होंगी लागू

केरल: आदिवासी इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य परियोजनाएं होंगी लागू

इन पचायतों में पिछले तीन महीनों में पांच युवा लड़कियों ने आत्महत्या की हैं.

तिरुवनंतपुरम जिला पंचायत ने जिले के आदिवासी इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बनाई है. हाल के महीनों में आत्महत्याओं की संख्या में बढ़ोतरी के चलते ऐसा किया जा रहा है.

जिला पंचायत अध्यक्ष डी. सुरेश कुमार, उपाध्यक्ष ए. शैलजा बेगम और संचालन समिति के सदस्यों ने विदुरा और नंदियोड पंचायतों का दौरा करने के बाद यह फैसला लिया. इन पचायतों में पिछले तीन महीनों में पांच युवा लड़कियों ने आत्महत्या की थीं. टीम ने पांचों पीड़ितों के घरों का दौरा किया और परिवार के सदस्यों से बात की.

“हमने अगले साल की योजना में आदिवासी क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को संबोधित करने के लिए और परियोजनाएं लाने का फैसला लिया है. इन क्षेत्रों में पहले से ही कई पहल चल रही हैं, जिनमें स्टडी सेंटर और काउंसलिंग शामिल हैं. लेकिन अभी और कदम उठाए जाने की जरूरत है. मानसिक मुद्दों का सामना करने वालों को काउंसलिंग सेंटर से संपर्क कर मदद लेनी चाहिए, को उन्हें तत्काल राहत के बजाय लंबे समय तक मदद कर सकें. हमने सभी पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से बात की. उन्होंने हमें ड्रग माफिया के प्रभाव समेत दूसरी कई वजहों के बारे में बताया. इन सभी से निपटना होगा,” सुरेश कुमार ने कहा.

ड्रग नेटवर्क आत्महत्या के अधिकांश मामले नाबालिगों सहित कम उम्र की लड़कियों के हैं, जिनका अकादमिक रिकॉर्ड अच्छा है. उनमें से कुछ गैर-आदिवासी युवाओं द्वारा यौन शोषण का शिकार पाए गए हैं.

कुछ मामलों में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तारियां भी की गई हैं. कुछ गैर-आदिवासी युवक, जो इन मामलों में आरोपी हैं, उन पर इन इलाकों में नशीले पदार्थ सप्लाई करने वाले नेटवर्क का हिस्सा होने का भी आरोप है.

आदिवासी युवा इस तरह के नेटवर्क के शिकार न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए जिला पंचायत सेंसिटाइजेशन जैसे कई उपाय कर रही है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments