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भीड़ का शिकार हुआ केरल का आदिवासी शख्स, राहुल गांधी ने उठाई जांच की मांग

विश्वनाथन के भाई राघवन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भीड़ ने उस पर बेरहमी से हमला किया. उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे. उसने इतना बड़ा कदम (आत्महत्या से मौत) कभी नहीं उठाया होता. वो उनकी शादी के आठ साल बाद पैदा हुए बच्चे के जन्म पर वह बहुत खुश थे. हम इस मामले की विस्तृत जांच की मांग कर रहे हैं.

हाल ही में केरल के वायनाड की एक आदिवासी बस्ती के 46 वर्षीय शख्स को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के पास मृत पाया गया था. अब सोमवार को मृतक के भाई ने आरोप लगाया कि एक भीड़ ने कथित तौर पर उस पर चोरी का आरोप लगाते हुए हमला किया और उसे बेरहमी से पीटा गया, जिसने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया. भाई ने मामले की विस्तृत जांच की भी मांग की.

46 वर्षीय विश्वनाथन का शव शनिवार को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास पेड़ से लटका पाया गया था.

सोमवार को वायनाड से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया. राहुल ने बाद में आरोप लगाया कि विश्वनाथन एक भीड़ का शिकार हुआ था और इस घटना की व्यापक जांच की जानी चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, “विश्वनाथन के परिवार को न्याय मिलना चाहिए.”

इससे पहले, विश्वनाथन के रिश्तेदारों ने दावा किया था कि यह आत्महत्या का मामला नहीं है और उनके शव पर चोट के निशान थे. उन्होंने दावा किया कि विश्वनाथन पर भीड़ ने चोरी का आरोप लगाते हुए हमला किया था.

कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही विश्वनाथन की पत्नी बिंदु को प्रसव के दौरान भर्ती कराया गया था. बुधवार को बिंदु ने बच्चे को जन्म दिया.

एक दिन बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक अन्य शख्स ने एक लापता मोबाइल फोन पर अलार्म बजाया और लोगों का एक समूह विश्वनाथन के खिलाफ हो गया और आरोप लगाया कि उसने फोन चोरी कर लिया है. विश्वनाथन ने उन्हें अपनी बेगुनाही का यकीन दिलाने की कोशिश की लेकिन भीड़ ने कथित तौर पर उसे पकड़ लिया और अस्पताल के सुरक्षा कर्मचारियों को सौंप दिया.

आरोप है कि अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों को सौंपने से पहले भीड़ ने विश्वनाथन के साथ मारपीट की. लगातार विश्वनाथन के साथ मारपीट करने के दौरान वह अपना मोबाइल फोन, टिफिन बॉक्स और एक जोड़ी कपड़े, जो एक प्लास्टिक की थैली में थे को छोड़कर भाग गया.

वहीं विश्वनाथन के बहुत देर तक वापस आने पर उसकी सास लीला, जो अस्पताल में बिंदु के साथ थी, ने गुरुवार को स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

विश्वनाथन के भाई राघवन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भीड़ ने उस पर बेरहमी से हमला किया. उसके शरीर पर मारपीट के निशान थे. उसने इतना बड़ा कदम (आत्महत्या से मौत) कभी नहीं उठाया होता. वो उनकी शादी के आठ साल बाद पैदा हुए बच्चे के जन्म पर वह बहुत खुश थे. हम इस मामले की विस्तृत जांच की मांग कर रहे हैं.

राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य एससी/एसटी आयोग ने घटना में मामला दर्ज किया है.

कोझीकोड शहर के पुलिस आयुक्त राजपाल मीणा ने मीडिया को बताया कि प्रथम दृष्टया भीड़ के हमले का कोई सबूत नहीं है लेकिन पुलिस साइंटिफिक इन्वेस्टिगेटिंग करेगी. उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आत्महत्या की ओर इशारा कर रही है.

राज्य भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि यह घटना आदिवासी समुदायों के लोगों के प्रति केरल सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है. सुरेंद्रन ने कहा कि उनके परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए.

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