HomeAdivasi Dailyनागालैंड: आदिवासियों का रजिस्टर बनाने के लिए राज्य सरकार ने बनाया पैनल

नागालैंड: आदिवासियों का रजिस्टर बनाने के लिए राज्य सरकार ने बनाया पैनल

रजिस्टर को बनाने का मकसद बाहरी लोगों को सरकारी नौकरियों और लाभों के लिए नकली आदिवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने से रोकना था.

नागालैंड सरकार ने राज्य के आदिवासियों को पंजीकृत करने से पहले सभी आदिवासी और नागरिक संगठनों को मिलाकर एक संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) बनाने का फ़ैसला लिया है.

नागालैंड के आदिवासियों का एक रजिस्टर (RIIN) तैयार करने के मुद्दे पर राज्य सरकार ने कोहिमा में आदिवासी और सामाजिक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की थी.

जुलाई 2019 में नागालैंड सरकार ने असम के एनआरसी की तर्ज़ पर एक आदिवासी रजिस्टर बनाने की घोषणा की थी, लेकिन विरोध के चलते इस प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था.

रजिस्टर को बनाने का मकसद बाहरी लोगों को सरकारी नौकरियों और लाभों के लिए नकली आदिवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने से रोकना था.

इस रजिस्टर के लिए 1 दिसंबर, 1963 की कट-ऑफ तारीख तय की गई है. RIIN का विरोध करने वालों का कहना है कि इस कट-ऑफ़ तारीख से गैर-नागाओं के अलावा ऐसे शुद्ध नागा भी बाहर हो जाएंगे, नागालैंड से बाहर रहते हैं.

जेसीसी का नेतृत्व होम कमिश्नर अभिजीत सिन्हा करेंगे, और इसमें सेंट्रल नागालैंड ट्राइब्स काउंसिल, पूर्वी नागालैंड पीपल्स ऑर्गनाइजेशन और टेन्येमी पीपल्स ऑर्गनाइजेशन के सदस्य शामिल होंगे.

इनके अलावा नागालैंड गारो ट्राइबल काउंसिल और कूकी इनपी नागालैंड जैसे संगठनों से भी सदस्यों के चयन का विकल्प होगा.

बैठक में हिस्सा लेने वालों ने RIIN को आगे ले जाने पर सहमति जताई, लेकिन कहा कि उससे पहले दो साल पुरानी रिपोर्ट जारी की जाए.

नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफिउ रियो ने भी कहा कि राज्य को अपने नागरिकों के हित और संरक्षण के लिए कानून और नियम बनाने का अधिकार है. लेकिन इसके लिए वो भारत के किसी दूसरे हिस्सों में रहने वाले नागरिकों को परेशान नहीं कर सकते.

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