HomeAdivasi Daily22 साल की आदिवासी लड़की ने जीता ताशकंद में स्वर्ण पदक

22 साल की आदिवासी लड़की ने जीता ताशकंद में स्वर्ण पदक

पूर्व विश्व जूनियर कांस्य पदक विजेता झिली ने स्वर्ण पदक के लिए कुल 157 किलो (स्नैच 69 किलो, क्लीन एंड जर्क 88 किलो) उठाया

रविवार को ताशकंद में एशियन वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में महिलाओं की 45 किलो वर्ग में झिली दलबेहारा ने गोल्ड मेडल जिता.

पूर्व विश्व जूनियर कांस्य पदक विजेता झिली ने स्वर्ण पदक के लिए कुल 157 किलो (स्नैच 69 किलो, क्लीन एंड जर्क 88 किलो) उठाया.

यह झिली और पूरे देश के लिए गौरवपूर्णबात है क्योंकि कुंजारानी देवी और कर्णम मल्लेश्वरी के बाद एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली वो पहली भारतीय हैं, वो भी 26 साल बाद.

22 साल की झिली ओडिशा के मयूरभंज ज़िले से एक आदिवासी लड़की हैं. वह भुवनेश्वर स्पोर्ट्स हॉस्टल से हैं, और अपने छोटे से करियर में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर कई पदक जीत चुकी हैं.

हालांकि रविवार को जीते पदक से उन्हें टोक्यो ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने का मौक़ा नहीं मिलेगा. ओलंपिक में 45 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी नहीं है.

2019 में, उन्हें इंडियन मेटल्स पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित खेलों में उत्कृष्टता के लिए एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

2017 और 2019 के बीच उनकी उपलब्धियों के लिए था, जब उन्होंने अलग अलग अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ़्टिंग स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक, तीन रजत और एक कांस्य पदक (IWF विश्व चैंपियनशिप) जीते थे.

कई बाधाओं को पार कर देश के लिए गौरव लाने वाली झिली दलबेहारा दूसरे आदिवासी लड़के और लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments