नासिक जिला परिषद ने जिले के जनजातीय तालुकों में चार और “वाहनों पर टीकाकरण” शुरू किया है. इससे ऐसे वाहनों की कुल संख्या छह हो गई है.
इन वाहनों के कर्मचारी लाभार्थियों का टीकाकरण करने के लिए चार आदिवासी तालुकों के दूरदराज के हिस्सों में पहुंचते हैं. यह परियोजना पिछले महीने एक गैर सरकारी संगठन स्वदेस फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई थी.
शुरुआत में इस तरह के दो वाहनों से टीकाकरण शुरू किया गया था और सोमवार से चार और वाहनों को शुरू किया गया है.
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कैलास भोये ने कहा, “हमने पेठ, सुरगाणा, त्र्यंबक और इगतपुरी के चार तालुकों में वाहनों पर टीकाकरण शुरू करने के लिए एनजीओ के साथ एक समझौता किया था. मुंबई स्थित एनजीओ को वाहनों पर टीकाकरण के लिए चार एम्बुलेंस देनी थी. समझौता ज्ञापन के समय उन्होंने हमें सुरगाणा और इगतपुरी के लिए एम्बुलेंस दी थी और चार एम्बुलेंस अभी तक नहीं आई थीं. अब बाकी चार एंबुलेंस आ गई हैं.”
उन्होंने कहा, “अब हमारे पास चार तालुकों में छह एम्बुलेंस हैं. त्र्यंबक और सुरगाणा में दो-दो और पेठ और इगतपुरी में एक-एक एम्बुलेंस है. वैक्सीनेटर, डेटा ऑपरेटर और ड्राइवर जैसे कर्मचारियों की व्यवस्था एनजीओ द्वारा ही की जाती है और भुगतान यही करते हैं.”
नासिक जिला पंचायत पूरे ग्रामीण जिले में लाभार्थियों के कोविड-19 टीकाकरण को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. कैलास भोये ने कहा कि टीकाकरण के लिए एनजीओ के साथ गठजोड़ उसी का एक हिस्सा है.
बड़ी संख्या में आदिवासी दिन में काम के लिए बाहर जाते हैं और देर रात घर आते हैं, उनके पास टीकाकरण केंद्र जाने का समय नहीं होता है. लेकिन इन एंबुलेंस के माध्यम से ऐसे ग्रामीणों को जल्द से जल्द कोविड-19 टीका लगवाने का लक्ष्य पूरा होगा.
(तस्वीर प्रतिकात्मक है)