एक तरफ़ जहां देशभर में लोग कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए लाइन लगा रहे हैं, ओडिशा के रायगड़ा में स्वास्थ्य कार्यकर्ता चुनौतियों का सामना कर पीवीटीजी समुदायों तक वैक्सीन पहुंचा रहे हैं.
पीवीटीजी समुदाय डोंगरिया कोंध के बीच COVID-19 के मामले सामने आने के बाद, राज्य सरकार ने इस समुदाय के टीकाकरण को प्राथमिकता दी है. लेकिन, इस काम को पूरा करने के बीच नियमगिरी पहाड़ियों की ऊचाइयां हैं.
बुधवार को रायगड़ा ज़िले के हंगाबादी पीवीटीजी गांव पहुंचने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक टीम को वैक्सीन कैरियर बॉक्स लेकर तीन किलोमीटर ट्रेक करना पड़ा. लेकिन उनकी चुनौतियां ट्रेकिंग से ही ख़त्म नहीं होतीं.
गांवों में पहुंचकर डोंगरिया कोंध आदिवासियों को वैक्सीन लगवाने के लिए तौयार करना एक अलग चुनौती है, क्योंकि यह लोग वैक्सीन से डरते हैं.
नियमगिरि पहाड़ी श्रृंखला में कई आदिवासी बस्तियां हैं. कुछ गांवों तक पहुंचने का एकमात्र तरीक़ा ट्रेकिंग ही है. ज़्यादातर बार वैक्सिनेशन टीमों को अघोषित गांवों तक पहुंचना पड़ता है, क्योंकि पहले से सूचना मिलने पर वैक्सीन से बचने के लिए आदिवासी जंगल भाग जाते हैं.
मई के दूसरे हफ़्ते में जब डोंगरिया कोंध आदिवासियों के बीच COVID-19 के मामले पहली बार सामने आए, तो प्रशासन के लिए यह ख़तरे की घंटी थे. डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने घोषणा भी की कि क्योंकि वह नियमगिरि के देवता, नियमराज की पूजा करते हैं, इसलिए उन्हें कुछ नहीं होगा.
शुरुआत में डोंगरिया कोंध कोविड टेस्ट के लिए तैयार नहीं थे. काफ़ी काउंसेलिंग के बाद उनका टेस्ट किया गया, और उन्हें आइसोलेशन में रहने के लिए मनाया गया. इसके बाद स्थिति में काफ़ी सुधार हुआ है.
रायगड़ा ज़िला प्रशासन ने 375 डोंगरिया कोंध आदिवासियों का कोविड टेस्ट किया था, और उनमें से 136 पॉज़िटिव पाए गए.
अगली चुनौती इन आदिवासियों को वैक्सीन लगाना है. अब तक, डोंगरिया कोंध समुदाय के 834 लोगों, जिनमें से ज़्यादातर 45 से ऊपर हैं, को वैक्सीन लगाया गया है. रायगड़ा ज़िले के 98 गांवों में लगभग 10,000 डोंगरिया कोंध आदिवासी रहते हैं.
मलकानगिरी ज़िले में बोंडा हिल्स में रहने वाले एक और पीवीटीजी समुदाय, बोंडा, को भी कोविड-19 ने नहीं बख्शा है. मई में 12 बोंडा आदिवासियों को कोविड पॉज़िटिव पाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने बोंडा हिल्स को कंटेनमेंट जोन घोषित कर टेस्टिंग शुरू की. अब तक 950 बोंडा आदिवासियों को COVID-19 का वैक्सीन लगाया जा चुका है.
अधिकारी बताते हैं कि वैक्सिनेशन में पीवीटीजी समुदायों को प्राथमिकता दी जा रही है. अब तक 12 पीवीटीजी समुदायों के 7,000 सदस्यों को वैक्सीन लगाया जा चुका है.
ओडिशा में देश की सबसे बड़ी और सबसे विविध जनजातीय आबादी रहती है. राज्य के 62 आदिवासी समूहों में से 13 को पीवीटीजी के रूप में मान्यता प्राप्त है.
2011 की जनगणना के अनुसार देश की कुल आदिवासी आबादी का 9 प्रतिशत हिस्सा ओडिशा में रहता है. आदिवासी राज्य की आबादी का 22.85 प्रतिशत हिस्सा हैं.
इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद राज्य के कई आदिवासियों के पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. मसलन 100 से ज़्यादा पीवीटीजी गांवों में अब तक सड़क नहीं है.