तेलंगाना के कोमरम भीम के कई बुज़ुर्ग आदिवासी लंबे समय से वृद्धावस्था पेंशन (Old-age Pension) मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं. पेंशन पाने के लिए योग्य होने के बावजूद, कई लोगों का आवेदन अस्वीकार हुआ, क्योंकि उनकी उम्र कम बताई गई.
लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की घोषणा से अब इनकी उम्मीद फिर बंधी है. राव ने हाल ही में कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही नई पेंशन जारी करेगी.
इन बुज़ुर्गों को अब उम्मीद है कि उनके आवेदनों पर फिर से विचार किया जाएगा.
ग़ौरतलब है कि तेलंगाना सरकार पेंशन के लिए योग्यता उम्र 65 से घटाकर 58 करने की कोशिश में है. इसके लिए ज़मीनी स्तर पर डेटा इकट्ठा भी किया गया है.
दरअसल, डेटा एकत्रित करते वक़्त कई अनपढ़ आदिवासियों की उम्र ग़लती से आधार कार्ड पर मौजूद उनकी वास्तविक उम्र से कम दर्ज की गई थी. जबकि इनमें से कई 65 की उम्र पार कर चुके हैं, और कुछ की उम्र तो 70 और 80 के बीच है.
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ऐसे में जब कई लोगों का पेंशन आवेदन खारिज कर दिया गया तब उन्हें इस ग़लती का पता चला. लेकिन अधिकारियों को समझाने के उनके प्रयास काम नहीं आए.
इनका कहना है कि राजस्व अधिकारियों ने अपनी इच्छानुसार आदिवासियों की उम्र दर्ज की, क्योंकि कई लोग अनपढ़ हैं, और उनके पास जन्म के प्रमाण पत्र नहीं है.
अब इन आदिवासियों को उम्मीद है कि नई पेंशन योजना जारी करते समय उम्र से संबंधित इस तकनीकी समस्या को ध्यान में रखा जाएगा.
पेंशन के तौर पर मिलने वाले 2016 रुपए इन आदिवासी बुज़ुर्गों के लिए काफ़ी मददगार साबित होंगे.