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भारत का धान का कटोरा कहे जाने वाले आंध्र प्रदेश में अपने लोकतांत्रिक हक के लिए कटोरा लिए खड़े हैं आदिवासी!

आंध्र प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 11 जून 2024 को समाप्त होने वाला है. इसी वर्ष यहां लोकसभा चुनाव भी होंगे.

चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक आंध्र प्रदेश की 175 विधान सभा सीटों पर 13 मई 2024 को मतदान होगा और इसके लिए 24 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकेगा. चुनाव के परिणाम 4 जून 2024 को घोषित होंगे. इनमें से 7 सीटों पर केवल अनुसूचित जनजाति के सदस्य ही चुनाव लड़ सकते हैं.

कौन सी हैं ये 7 सीटें ?

विधानसभा में एसटी आरक्षित इन 7 क्षेत्रों (पालकोंडा, कुरुपम, सलूर, अराकू, पडेरु, पछोड़ावरम, पोलावरम) में से 6 अराकू लोकसभा के अंतर्गत ही आते हैं. इसमें से पोलावरम राज्य के एलुरु संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. पोलावरम विधानसभा सीट आंध्र प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से टेलम बलाराजू जीते थे.

2019 में इन 7 निर्वाचन क्षेत्रों में  से 6 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने ही परचम लहराया था.

आंध्र प्रदेश राज्य चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत महत्तवपूर्ण होंगे क्योंकि 2004 और 2009 में इसने उनकी केंद्र में सरकार बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई थी. आंध्र प्रदेश राज्य चुनावों के प्रमुख खिलाड़ी वाईएसआरसीपी से वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी हैं जबकि टीडीपी से ये चेहरा एन चंद्रबाबू नायडू का होगा.

इस साल आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी भी जीत की उम्मीद कर रही है. तेलंगाना में जीत के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी आंध्र प्रदेश में मजबूत दावेदार नज़र आती है.

राज्य में लोकसभा चुनाव ?

आंध्र प्रदेश के साथ-साथ लोकसभा का चुनाव प्रचार भी शुरू हो चुका है. देश में 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. पहले ये सीटें 41 थी, परिसीमन आयोग ने 2008 में इसे बढ़ाकर 47 किया था.

अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित इन 47 सीटों में से आंध्र प्रदेश में केवल एक सीट है- अराकु.

यह प्रदेश की एकमात्र एसटी आरक्षित लोकसभा सीट है. गोड्डेटी माधवी (वाईएसआरसीपी) अराकु (एसटी) से वर्तमान लोकसभा सांसद हैं और चेट्टी पालगुना (वाईएसआरसीपी) अराकु घाटी (एसटी) विधानसभा से वर्तमान विधायक हैं.

अराकू लोकसभा सीट पर अभी तक तीन बार चुनाव हुए. पहली बार कांग्रेस और इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की.

साल 2019 में इस सीट पर 74 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें मुख्य मुकाबला वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और टीडीपी के बीच देखने को मिला था, जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसक गई थी. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार ओडेटी माधवी को 562190 वोट और टीडीपी के किशोर चंद्र देव को 338101 वोट मिले थे. ओडेटी माधवी ने किशोर चंद्र देव को दो लाख 24 हजार से अधिक वोटों से हराया था.

यहां के आदिवासियों के प्रमुख मुद्दे सड़क निर्माण , शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित ही हैं. यहां की एसटी आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य और नागरिक समस्याओं के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

मातृ अल्पपोषण एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, जो माताओं और उनकी संतानों दोनों की भलाई को प्रभावित करता है.एक रिपोर्ट में आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य के कल्याण के लिए एक रक्त आधान केंद्र स्थापित करने की ज़रूरत ज़ाहिर की थी.

सरकार तो हर 5 साल में बदल जाती है, नहीं बदलती तो इन आदिवासी इलाकों की तसवीर.

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