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झारखंड में PM JANMAN के तहत आवास योजना के लिए आदिम जनजातियों का होगा सर्वे

सरकार के द्वारा 14 नवंबर यानी बिरसा मुंडा की जयंती के दिन पीएम जनमन योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए अब सरकार झारखंड के ज़िला प्रशासन से आवास योजना का लाभ पहुंचाने के लिए रिपोर्ट की मांग की है.

झारखंड (Jharkhand) में आदिम जनजातियों को पीएम जनमन (PM JANMAN) योजना के आवास योजना के तहत मकान देने के लिए सर्वे कराया जा रहा है. यह सर्वे लगभग 11 हजार आदिवासियों पर किया जा रहा है.

ऐसा दावा किया जा रहा है कि इन 11 हजार आदिवासियों में से योजना के तहत 6 हजार जनजातीय परिवारों का निबंधन (Registration) हो चुका है. इसके अलावा 5,200 परिवारों को पहली किस्त की राशि दिए जाने का दावा किया जा रहा है.

पहली किस्त में इन 5200 परिवारों को घर बनाने के लिए 30 हजार रुपयों की धनराशी दी गई है और इसके साथ ही कुल चार किस्तों में योजना के लाभार्थियों को लगभग 2 लाख रुपयों की धनराशी दी जाएगी.

यह सारी धनराशी आदिवासियों को आवास बनाने के लिए पीएम जनमन योजना के तहत दी जा रही है.

केंद्र सरकार की योजना

ऐसा दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने पीएम जनमन योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) परिवार के लिए आवास योजना को स्वाकृति दी है. इस योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों के पीवीटीजी को आवास की सुविधा दी जा रही है.

आवास योजना के तहत झारखंड राज्य में कुल 20 हजार आवास देने का फैसला लिया गया है. जिसके लिए राज्य में सर्वे भी करा लिया गया है.

इसके अलावा इस दिशा में राज्य के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से काम किया जा रहा है. वहीं केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष में कुल 11 हजार आवास देने का निर्णय लिया है. जिसके तहत योजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है.

हालांकि राज्य में पीएम आवास योजना से योजनाओं को स्वीकृति नहीं मिली है.

राज्य सरकार के पैसे से अबुआ आवास योजना की शुरुआत की जा रही है. इस बीच पीएम जनमन योजना से पीवीटीजी परिवारों को आवास देने के फैसले से राज्य को राहत मिली है.

पीएम जनमन योजना से आवासों का निर्माण पीएम आवास योजना ग्रामीण की तर्ज पर होगा. इसके लिए दो लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया गया है.

जिसमें करीब 25 वर्ग मीटर का आवास होगा, जो दो कमरों का होगा. इसमें एक बरामदा और एक किचन होगा. इसकी राशि चार किस्तों में दी जायेगी.

सरकार ने ज़िला प्रसाशन से मांगी रिपोर्ट

सरकार के द्वारा आदिम जनजातियों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है ताकि उनका संरक्षण व संर्वद्धन किया जा सके.

इसके अलावा लाभार्थियों तक वास्तव में योजना पहुंचे इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सक्रियता के साथ काम किया जा रहा है.

दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की परिधि में आने वाले ज़िलों में योजनाओं की क्या स्थिति है, किन योजनाओं से अब तक आदिम जनजातियों को लाभ मिला है, इस संदर्भ में ज़िलों से आयुक्त कार्यालय के द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.

पीएम जनमन

वैसे प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) योजना के तहत आवास निर्माण के बाद लाभार्थियों को उज्ज्वला आवास योजना, नल जल, बिजली कनेक्शन आदि का भी लाभ देना के साथ ही कल्याण विभाग ने भी आदिम जनजाति बहुल टोला में पीसीसी पथ, तालाब, आहार, सामुदायिक भवन आदि का निर्माण करना है.

इसे लेकर प्रखंड स्तर से ज़िला को प्रस्ताव भेजा जाता है. समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया है कि प्रखंडों से समय पर प्रस्ताव नहीं आ रहा है. इस कारण परेशानी हो रही है. पूरी स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासियों के गौरव के प्रतीक बिरसा मुंडा की जयंती और तीसरे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के मौके पर झारखंड के खूंटी जिले के बिरसा कॉलेज मैदान से ‘प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह’ (PM PVTG) मिशन की शुरुआत की जिसके दायरे में लगभग 28 लाख पीवीटीजी आएंगे.

सरकार के आधिकरिक बयान के मुताबिक, मिशन के तहत पीवीटीजी क्षेत्रों में सड़क और टेलीकॉम कनेक्टिविटी, पावर, सुरक्षित घर, साफ पीने का पानी और सफाई, मोबाइल मेडिकल यूनिट, सोलर स्ट्रीट लाइटिंग, मोबाइल टावर, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और टिकाऊ रहन-सहन के मौके जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

वहीं आयुष मंत्रालय मौजूदा मानदंडों के मुताबिक आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा और मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिऐ आयुष सुविधाओं का दायरा पीवीटीजी बस्तियों तक बढ़ाया जाएगा.

इसके अलावा सरकार पीएम जनमन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojna-Gramin) में लगभग 4.9 लाख पीवीटीजी को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.

अगर आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो झारखंड में पीवीटीजी की कुल संख्या लगभग 72 हज़ार 555 है, जिनमें से सिर्फ लगभग 17 हजार 237 लोगों को ही पक्का घर मिला है.

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