झारखंड में कुंडहित प्रखंड के भेलुआ पंचायत के जयपुर आदिवासी टोला में लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. जानकारी के अनुसार कई महीनों से इस टोले के दो चापाकल खराब पड़े हैं.
इस वजह से यहाँ पर पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया. गांव में एक ही चापाकल के भरोसे 60 परिवार की प्यास किसी तरह बुझ रही है. पानी लेने को सुबह से ही लंबी कतार लगी रहती है.
ग्रामीणों खराब चापाकल को चंदा उठाकर कई बार मरम्मत भी कराई, लेकिन बार बार- खराबी व पाइप क्षतिग्रस्त होने के कारण वे तंग-तंग हो चुके हैं। और मरम्मत कराना भी बंद कर दिया।
ग्रामीणों ने भेलुआ की मुखिया अनिता हेंब्रम के अलावा विभागीय अधिकारी से कई बार इस मामले की शिकायत की है. लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
गर्मी के इस मौसम में चापाकल ख़राब होने से ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ गई है.
ग्रामीण अब भी मरम्मत को प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में तीन हैंडपंप हैं जिनमें से दो चापाकल कई महीने से बंद है. गाँव के लोगों ने बंद चापाकल को चंदा जमा कर कई बार ठीक कराया है.
लेकिन बार-बार खराब होने के कारण अब गाँव के लोगों ने भी मरम्मत कराना छोड़ दिया है. बंद चापाकल को ठीक कराने के लिये मुखिया व विभागीय अधिकारी को जानकारी दी गई. आज तक किसी ने इस दिशा में पहल नहीं की.
स्थानीय मीडिया में भी इस सिलसिले में ख़बर छपी हैं. मीडिया के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ही चापाकल के भरोसे 60 परिवार का काम चल रहा है. पानी के लिए चापाकल के सामने इंतजार करना पड़ता है.
कुछ लोग चापाकल में भीड़ देखकर गांव से दो किलोमीटर दूर हिग्लो नदी के जयपुर घाट में पानी लाने जाते है. ग्रामीणों ने उपायुक्त से इस दिशा पर पहल कर बंद पड़े चापाकल को ठीक कराने की मांग की.
गाँव में चापाकल ख़राब होने की वजह से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है. महिलाओं को लंबा समय पानी के इंतज़ार में बिताना पड़ रहा है.