केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दार्जिलिंग में गोरखा समुदाय से कहा कि केंद्र 11 गोरखा उप-जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
दरअसल, अमित शाह का रविवार को दार्जिलिंग के लेबोंग इलाके में गोरखा मैदान में एक सार्वजनिक बैठक करने का कार्यक्रम था लेकिन खराब मौसम के कारण वह चुनावी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.
हालांकि, शाह ने दार्जिलिंग में रैली को ऑडियो कॉल के जरिए संबोधित किया.
उन्होंने भाजपा उम्मीदवार और दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता के लिए प्रचार करते हुए कहा, “आज, मैं दार्जिलिंग आना चाहता था लेकिन खराब मौसम के कारण मेरा हेलीकॉप्टर वहां नहीं उतर सका. बीजेपी के लिए गोरखा समुदाय की आकांक्षाएं हमेशा प्राथमिकता रही हैं. गोरखाओं ने देश के लिए बहुत बलिदान दिया है. मैं अपने गोरखा भाइयों और बहनों से कहना चाहता हूं कि न्याय पाने की आपकी लड़ाई में भाजपा आपके साथ है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको न्याय मिले. भारतीय संविधान आपको न्याय देगा.”
शाह ने आगे कहा, “हम क्षेत्र से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम 11 गोरखा उप-जनजातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर भी विचार कर रहे हैं. मोदीजी ने उत्तर बंगाल की पहाड़ियों और यहां के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए बड़ी संख्या में योजनाएं बनाई हैं. केंद्र ने चाय बागान श्रमिकों के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं. लेकिन टीएमसी सरकार ने बंगाल में ऐसी योजनाएं लागू नहीं कीं.”
शाह ने दार्जिलिंग पहाड़ियों का ‘विकास नहीं करने’ के लिए तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों की भी आलोचना की.
उन्होंने कहा, “उन्होंने केवल पहाड़ियों में रक्तपात सुनिश्चित किया. केवल भाजपा ही पहाड़ में शांति ला सकती है. पिछली बार की तरह, हमारे उम्मीदवार राजू बिस्ता को अपना समर्थन दिखाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से निर्वाचित होने में मदद करें.”
दार्जिलिंग सीट के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा. इस सीट पर 2009 से बीजेपी जीतती आ रही है. यह सीट वर्तमान में भाजपा के राजू बिस्ता के पास है, जिन्हें पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस ने इस सीट से भारतीय गोरखा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनीश तमांग को मैदान में उतारा है. तमांग मार्च में पार्टी में शामिल हुए थे. 2022 के दार्जिलिंग नगरपालिका चुनावों में जीत हासिल करने वाली हमरो पार्टी भी विपक्षी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के दार्जिलिंग उम्मीदवार गोपाल लामा को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा गुट भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा का समर्थन प्राप्त है.
भारत में गोरखा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर पूर्व में रहते हैं.
भाजपा ने अपने 2019 के घोषणापत्र में और 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में 11 गोरखा उप-समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में शामिल करने का वादा किया था. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र इस मामले पर चुप है.
इन 11 समुदायों में भुजेल, गुरुंग, मंगर, नेवार, जोगी, खास, राय, सुनुवर, थामी, यक्का (दीवान) और धिमल शामिल हैं.