गणतंत्र दिवस (Republic day 2024) के मौके पर देश के अलग-अलग राज्यों से आदिवासियों को आमंत्रित (tribals invited in republic day) किया जा रहा है.
ऐसे में पहली बार केंद्र सरकार ने तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के दो आदिवासी छात्रों को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.
ये दो छात्र हैं – अथराम अंजलि और टी सत्यभामा हैं. दोनों कुमुरुंबीम आसिफाबाद जिले में आदिवासियों के लिए संचालित गवर्नमेंट स्पोर्ट्स स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं. जहां अंजलि एक एथलीट हैं, वहीं सत्यभामा एक हैंडबॉल खिलाड़ी हैं.
स्कूल के प्रिंसिपल कृष्णा राव ने कहा कि अथराम अंजलि और टी सत्यभामा को खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूल के छात्रों को पहली बार इस तरह का बड़ा अवसर मिला है.
ऐसा दावा किया जा रहा है की इस साल लगभग 50 आदिवासी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होंगे.
दो पीवीटीजी भी आमंत्रित
वहीं हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से कमज़ोर जनजाति (PVTGs) के प्रतिनिधियों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है.
इस साल भी कोटिया कोंध (पीवीटीजी) के दो आदिवासियों को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. कोटिया कोंध के इन दोनों आदिवासियों का नाम बीरेंद्र माझी और हरमनी जानी बताया रहा है.
28 वर्षीय बीरेंद्र बिलामल पंचायत के गारंगा गांव के निवासी है और 22 वर्षीय हरमनी जानी कंधमाल ज़िले के बुरलुबरू गांव में रहती है.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक ये दोनों (बीरेंद्र और हरमनी) गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए नई दिल्ली पहुंच चुके हैं.
इन दोनों आदिवासियों के साथ बेलाघर के कल्याण विस्तार अधिकारी (डब्ल्यूईओ), दीपक कुंअर साहू भी मौजूद है.
उन्होंने कहा, “हम 22 जनवरी को नई दिल्ली पहुंचे और 2 फरवरी तक वहां रहेंगे और कई सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेंगे.”
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के अलावा, वे नई दिल्ली में कुछ अन्य स्थानों का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी में अपने 10 दिवसीय प्रवास के दौरान वीआईपी से भी मिलेंगे.
इसके अलावा कुछ दिन पहले MBB Desk की टीम द्वारा यह जानकारी दी गई थी की इस साल के गणतंत्र दिवस पर कल्लारकुडी बस्ती में रहने वाले कादर समुदाय के दंपत्ति को आमंत्रित किया गया है.
यह दोनों आदिवासी (राजलक्ष्मी और उनके पति जयपॉल) आदिवासियों को भूमि आधिकार के बारे में जागरूक करने का काम करते है.