HomeAdivasi Dailyतमिलनाडु: उडुमलईपेट्टई के 4500 आदिवासियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिलने की उम्मीद

तमिलनाडु: उडुमलईपेट्टई के 4500 आदिवासियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिलने की उम्मीद

15 आदिवासी बस्तियों में कोई चिकित्सा केंद्र मौजूद ना होने के कारण यहां रहने वाले 4500 आदिवासियों को इलाज़ करवाने के लिए 40 से 60 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करना पड़ता है.

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरूप्पुर ज़िले (Tiruppur District) के उडुमलईपेट (Udumalaipet) में स्थित 15 आदिवासी बस्तियों को कई सालों बाद स्वास्थ्य सुविधा (Two PHC for 15 tribal areas) मिलने की उम्मीद है.

इन 15 आदिवासी बस्तियों में करीब 4500 आदिवासी रहते हैं और काफी समय से यह आदिवासी इलाज़ करवाने के लिए 40 से 60 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर रहे हैं.

लेकिन अब इन आदिवासियों के क्षेत्र में जल्द ही दो प्राथमिक चिकित्सा केंद्र खुलने वाले हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से मंजूरी भी दे दी गई है.

जिला कलेक्टर, टी क्रिस्टुराज ने बताया कि प्रत्येक स्वास्थ्य चिकित्सा के निर्माण के लिए 40 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है और वे जल्द ही इन चिकित्सा केंद्र को बनाने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने वाले है.

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इसी संदर्भ में स्वास्थ्य सेवाओं के उप निदेशक (तिरुप्पुर), डॉ. के. जगदीश कुमार का कहना है की इन 15 आदिवासी बस्तियों में कोई चिकित्सा सुविधाएं मौजूद नहीं थी और लोगों को अपना इलाज़ करवाने के लिए कई किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था.

इन्हीं समस्याओं पर सरकार का ध्यान दिलावाने के लिए आदिवासियों ने कई महीने पहले एक सड़क और पीएचसी के लिए संबंधित प्रशासन को प्रस्ताव दिया था.

उन्होंने यह भी बताया की प्रत्येक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में चार कर्मचारी होंगे, जिनमें तीन नर्स और एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक मौजूद होगा.

इसके अलावा इन स्वास्थ्य केंद्रों में आदिवासियों को सभी प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन उपचार दिया जाएगा.

इसके साथ ही ये सभी चिकित्सा कर्मचारी मक्कलाई तेडी मारुतुवम योजना पर भी काम करेंगे.

यह भी पता चला है की चिकित्सा सुविधाओं की कमी इन आदिवासी बस्ती में एक बड़ी समस्या थी. यह सभी आदिवासी बस्तियाँ वन क्षेत्रों के अंदर स्थित हैं, जिसके कारण लोगों को चिकित्सा उपचार प्राप्त करने के लिए अलग-अलग रास्ते अपनाने पड़ते थे.

इस पूरे मामले में एक बात ध्यान देने वाली है की क्या दो प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के कुल 8 कर्मचारी 4500 आदिवासियों का स्वास्थ्य देखभाल करने के लिए पर्याप्त होंगे

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