2024 के लोकसभा चुनाव का प्रचार शुरू हो चुका है. मध्य प्रदेश में बीजेपी को लोक सभा चुनाव से तुरंत पहले राज्य विधान सभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला है.
इसलिए बीजेपी को यह उम्मीद है कि वह साल 2019 लोकसभा चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी भारी जीत हासिल कर सकती है.
साल 2019 में बीजेपी ने राज्य की कुल 29 सीटों में से 28 सीटें जीत ली थीं. कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ एक ही सीट जीत पाई थी.
मध्य प्रदेश में बैतूल, धार, खरगोन, मंडला, रतलाम और शहडोल, ये छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी इन सभी सीटों पर चुनाव हार गई थी.
जबकि मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में कांग्रेस पार्टी का परंपरागत आधार रहा है.
लेकिन कहा जाता है कि हर चुनाव अपने आप में अलग होता है. इसलिए राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में सभी बारीकियों को ध्यान में रखते हैं.
मसलन बीजेपी ने राज्य की 10 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में से 75 प्रतिशत मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिये हैं. जबकि सामान्य वर्ग की सीटों पर मौजूदा सांसदों में से सिर्फ़ 33 प्रतिशत के टिकट ही काटे गए हैं.
इस चुनाव में मध्य प्रदेश में परंपरागत प्रतिद्वंद्वी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला नज़र आ रहा है. लेकिन क्या कांग्रेस कम से कम आदिवासी इलाकों में अपनी स्थिति को सुधार सकती है?
मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, विधायक और दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉक्टर विक्रांत भूरिया दावा करते हैं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी राज्य में बाज़ी को पलट देगी.
यह दावा वह किस आधार पर कर रहे हैं यह जानने के लिए आप उनका यह इंटरव्यू देख सकते हैं.