HomeTribal Kitchenअंडा-अरवी ऐसे बन सकता है, कभी देखा ना था

अंडा-अरवी ऐसे बन सकता है, कभी देखा ना था

इस बार यह तय किया गया कि चित्रकोट ज़रूर जाएँगे. वहाँ के नज़ारे भी देखेंगे और आदिवासियों से भी मिलेंगे. यह तय करके 3 नवंबर को आदिवासी नृत्य महोत्सव से विदा लेकर चित्रकोट पहुँच गए. यहाँ पहुँचते पहुँचते देर शाम हो चुकी थी. इसलिए जलप्रपात का नज़ारा तो नहीं मिला, अलबत्ता झरने के गिरने की आवाज़ ज़रूर हम तक पहुँच रही थी.

छत्तीसगढ़ के चित्रकोट जल प्रपात (waterfalls) के बारे में भला किसने नहीं सुना होगा. मैंने भी सुना था कि यह वॉटरफॉल बेहद खूबसूरत है. लेकिन कभी मौक़ा नहीं लगा कि वहाँ जा कर इस खूबसूरत नज़ारे को देखता.

छत्तीसगढ़ तो ना जाने कितनी बार जाना हुआ है. कई बार चुनाव की रिपोर्टिंग के लिए ही गया हूँ. इस दौरान बस्तर में कई बार आया था.

फिर मैं भी भारत का सिलसिला शुरू हुआ तो बस्तर की कई यात्राएँ हुईं. पिछले साल रायपुर के आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने पहुँचा था. तब भी एक हफ़्ता बस्तर के अंदरुनी कहे जाने वाले इलाक़ों में बीता था.

लेकिन इस बार यह तय किया गया कि चित्रकोट ज़रूर जाएँगे. वहाँ के नज़ारे भी देखेंगे और आदिवासियों से भी मिलेंगे. यह तय करके 3 नवंबर को आदिवासी नृत्य महोत्सव से विदा लेकर चित्रकोट पहुँच गए.

यहाँ पहुँचते पहुँचते देर शाम हो चुकी थी. इसलिए जलप्रपात का नज़ारा तो नहीं मिला, अलबत्ता झरने के गिरने की आवाज़ ज़रूर हम तक पहुँच रही थी.

हमने अपना सामान छत्तीसगढ़ पर्यटन के रिसॉर्ट्स के एक कमरे में टिकाया और एक आदिवासी परिवार से मिलने निकल पड़े. रिसॉर्ट्स से इस परिवार का घर दूर नहीं था.

रात का खाना इस परिवार के साथ ही बनाया और खाया गया. अंडे के साथ अरबी की सब्ज़ी बनी थी. यह कैसे बनी और कैसा स्वाद था, यह पढ़ने की नहीं देखने की चीज है, तो उपर लगे लिंक को क्लिक करें और पूरा एपिसोड देखें.

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